Love shyari

* फरमान मिला इनायत होने लगी
  जज्बातों पर बौछार अपनों के दिए गमों की होने लगी
सब कट रहा था बढ़िया-बढ़िया
बिन मौसम बरसात जाने क्यों होने लगी.....

* बिछड़नेेेे से पहले मोहब्बत कितनी थी मुझे
 पता है उसे
कभी मिले तो बता दूंगा कुछ और बताना है तुझे
आशिकों में कितनी मोहब्बत और नफरत होती है
दिखाना है तुझे.....

Comments