Posts

Showing posts from October, 2020

वैश्वीकरण :- अभिप्राय एवं दृष्टिकोण

Image
वैश्वीकरण से आपका क्या अभिप्राय है वैश्वीकरण शब्द का उपयोग अधिकांश सटीक अर्थों में नहीं होता इसलिए यह स्पष्ट करना जरूरी है कि इसका सही सही अर्थ क्या है एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण की बुनियादी बात है प्रवाह । प्रवाह कई तरह के हो सकते हैं विश्व के एक हिस्से के विचारों का दूसरे हिस्से में पहुंचना कुंजिका एक हिस्से से दूसरी जगह जाना वस्तुओं का कई कई देशों में पहुंचना और उनका व्यापार तथा बेहतर आजीविका की तलाश में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों की आवाजाही यहां सबसे जरूरी बात है विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव जो ऐसे प्रवाहो की निरंतरता से पैदा हुआ है और कायम भी है। वैश्वीकरण के इस विषय में हम जानेंगे कि वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ है स्थानीय क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है।वस्तुओं सेवाओं व्यक्तियों और ...

पटकथा लेखन तकनीक एवं विधियां - सुदर्शन कुमार 'चेतन'

Image
       पटकथा लेखन तकनीकि एवं विधियां

अपने लेख को प्रभावी लेख कैसे बनाएं Attractive and Effective writing skill

Image
प्रभावी लेखन क्या है? किसे हम प्रभावी लेखन मानते हैं और किसे नहीं? क्या प्रभावी लेखन की कोई परिभाषा निर्धारित हो सकती है? प्रभावी लेखन से क्या सीखा जा सकता है ? ऐसे अनेक प्रसन्न हैं जो प्रभावी लेखन को समझने के लिए उठाए जाते हैं। सबसे मूलभूत बात यह है कि प्रभावी लेखन से हमारा मतलब है ऐसा लेखन जिसको पढ़ कर पाठक प्रभावित हो उठे। उसके मन में भावनाओं का संचार हो वह भावुक हो उठे सोचने लगे, विचार करने लगे, हंसने लगे, रोने लगे यहां तक कि उस लेख को पढ़कर वह पहले जैसा इंसान ना रह जाए, हृदय परिवर्तन स्थिति उत्पन्न हो जाए, पाठक को उसमें कुछ रोचक, कुछ नया, कुछ अद्भुत लगने लगे इस किस्म के लेखन प्रभावी लेखन की श्रेणी में  रखें जाते हैं इन सारी बातों का एक मतलब यह निकल कर सामने आता है की प्रभावी लेखन की मुख्य विशेषता पाठक को सोचने समझने विचार करने और उसकी संवेदनाएं में तेजी लाने का काम करती है  प्रभावी लेखन को परखने की एक कसौटी यह भी है कि प्रभावी लेखन बहुत समय बीतने के बाद भी उतना ही प्रभावकारी बना रहता है जितना वह लिखकर पूर्ण होने के दौरान था यदि आप वर्तमान समय से लेकर अब तक देख...