वैश्वीकरण :- अभिप्राय एवं दृष्टिकोण
वैश्वीकरण से आपका क्या अभिप्राय है वैश्वीकरण शब्द का उपयोग अधिकांश सटीक अर्थों में नहीं होता इसलिए यह स्पष्ट करना जरूरी है कि इसका सही सही अर्थ क्या है एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण की बुनियादी बात है प्रवाह । प्रवाह कई तरह के हो सकते हैं विश्व के एक हिस्से के विचारों का दूसरे हिस्से में पहुंचना कुंजिका एक हिस्से से दूसरी जगह जाना वस्तुओं का कई कई देशों में पहुंचना और उनका व्यापार तथा बेहतर आजीविका की तलाश में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों की आवाजाही यहां सबसे जरूरी बात है विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव जो ऐसे प्रवाहो की निरंतरता से पैदा हुआ है और कायम भी है। वैश्वीकरण के इस विषय में हम जानेंगे कि वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ है स्थानीय क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है।वस्तुओं सेवाओं व्यक्तियों और ...