वैश्वीकरण :- अभिप्राय एवं दृष्टिकोण

वैश्वीकरण से आपका क्या अभिप्राय है

वैश्वीकरण शब्द का उपयोग अधिकांश सटीक अर्थों में नहीं होता इसलिए यह स्पष्ट करना जरूरी है कि इसका सही सही अर्थ क्या है एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण की बुनियादी बात है प्रवाह ।
प्रवाह कई तरह के हो सकते हैं विश्व के एक हिस्से के विचारों का दूसरे हिस्से में पहुंचना कुंजिका एक हिस्से से दूसरी जगह जाना वस्तुओं का कई कई देशों में पहुंचना और उनका व्यापार तथा बेहतर आजीविका की तलाश में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों की आवाजाही यहां सबसे जरूरी बात है विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव जो ऐसे प्रवाहो की निरंतरता से पैदा हुआ है और कायम भी है।

वैश्वीकरण के इस विषय में हम जानेंगे कि वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ है स्थानीय क्षेत्रीय वस्तुओं या घटनाओं के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है इसे एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है जिसके द्वारा पूरे विश्व के लोग मिलकर एक समाज बनाते हैं वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है।वस्तुओं सेवाओं व्यक्तियों और सूचना तकनीक का राष्ट्रीय सीमाओं के आर पार स्वतंत्र रूप से संचरण की वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण है।

भूमंडलीकरण एक परिघटना ना होकर एक प्रक्रिया है जो क्रमशः एवं चरणबद्ध तरीके से वैश्विक समुदाय को एकत्रित करने का प्रयास कर रही है।

वैश्वीकरण का इतिहास

वैश्वीकरण की प्रक्रिया उतनी ही पुरानी है जितनी मानव सभ्यता हाला की संकल्पना के रूप में शब्द की चर्चा विश्व युद्ध के बाद के काल में हुई लेकिन सिंधु घाटी सभ्यता एवं सुमेरियाई सभ्यता के बीच व्यापारिक संबंध इसकी प्राचीनता की ओर इशारा करते हैं।
अधिकांश समय में संकल्पना 1960 के दशक से चर्चा में आए जब कैनिया डीआई साहित्य के आलोचक मार्शल लोहन ने वैश्विक ग्राम शब्द को लोकप्रिय बनाया था। तकनीक के बढ़ने के साथ ही यह प्रक्रिया और तीव्र होती गई लेकिन शीत युद्ध के माहौल ने इसकी रफ्तार बंद रखी 1991 में सोवियत संघ के विघटन तथा अर्थव्यवस्था के खुलने से प्रक्रिया तो तीव्र हुई ही और वैश्वीकरण की इस प्रक्रिया में विस्तार और फैलाओ और वैश्वीकरण का विश्वव्यापी प्रभाव देखा जाने लगा।

वैश्वीकरण की विभिन्न परिभाषाएं विद्वानों के अनुसार

थॉमस एल फ्राइडमैन के अनुसार दुनिया के सपाट होने के प्रभाव की जांच करता है और तर्क देता है कि वह स्वीकृत व्यापार आपूर्ति के संकलन और राजनीतिक दलों ने दुनिया को बेहतर और बदतर दोनों रूपों में स्थाई रूप में बदल दिया है वह यह तर्क भी देते हैं कि वैश्वीकरण की गति बढ़ रही है और व्यापार संगठन तथा कार्यप्रणाली पर इसका प्रभाव बढ़ता ही जाएगा।

हरमन ई डेली के अनुसार वैश्वीकरण और अंतरराष्ट्रीय करण शब्दों का उपयोग एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है लेकिन औपचारिक रूप से इनमें मामूली अंतर है शब्द अंतरराष्ट्रीय करण शब्द का उपयोग अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंध और संधियों आदि के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए लिया जाता है अंतरराष्ट्रीय का अर्थ है राष्ट्र के बीच।

एंथोनी गिड्डेंस के अनुसार उनकी पुस्तक का कंसेंसिस ऑफ मॉडर्निटी में वह कहते हैं कि दुनिया भर में सामाजिक वास्तविकता ओं की गहनता जो दूर के क्षेत्रों को इस तरह से जोड़ती है कि कई मील की दूरी पर होने वाली घटनाओं और संतों द्वारा स्थानीय घटनाओं को आकार दिया जाता है।

जोसेफ के अनुसार उन्होंने अपनी पुस्तक मेकिंग ग्लोबलाइजेशन वर्क में लिखा है कि वैश्वीकरण के अंतर्गत बहुत सी चीजों का समावेश है जैसे कि विचारों एवं ज्ञान का अंतरराष्ट्रीय प्रवाह संस्कृतियों का आदान-प्रदान विश्व नागरिक समाज और विश्व पर्यावरण आंदोलन परंतु मुख्यता वैश्वीकरण का अर्थ आर्थिक वैश्वीकरण से है जिसके अंतर्गत विश्व के रास्तों के बीच पूंजी वस्तु सेवा एवं श्रम के बनते प्रवाह के द्वारा आर्थिक एकीकरण की प्रक्रिया को बल मिला है।

वैश्वीकरण के विभिन्न पहलू

यह वैश्वीकरण की प्रक्रिया आर्थिक तकनीकी सामाजिक राजनीतिक सांस्कृतिक ताकतों का एक संयोजन है वशीकरण से दूसरा भी जुड़ा हुआ है वैश्वीकरण के विभिन्न पहलू भी हैं जैसे राजनीतिक सांस्कृतिक आर्थिक और सामाजिक पहलू आदि। वास्तव में यह प्रक्रिया मानव जीवन के राजनीतिक आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक पहलू का विस्तार है।

राजनीतिक आयाम 
* राज्य की संप्रभुता में बदलाव आया है क्योंकि बहुत सी गतिविधियां राज्य से बाहर हैं सूचना के लिए पहले राज्य पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन अब इसके अंदर बदलाव आ गया है
* प्रत्येक राज्य पहले एक नागरिक को नागरिकता का दर्जा देता था लेकिन अब इसमें बदलाव आ रहा है एक व्यक्ति को कई नागरिक खाएं प्राप्त हैं क्योंकि उस व्यक्ति को नागरिकता नहीं मिलती तो वह निवेश नहीं करता है।
* डब्ल्यूटीओ आईएमएफ वर्ल्ड बैंक विश्वव्यापी संस्था पूरे विश्व को एक मंच पर उपस्थित करने का कार्य करती है उनके उत्थान में अपना सहयोग कायम रखते हैं
* पारंपरिक राज्य अपनी रूप और प्रकृति को खो रहा है इसके स्थान पर गैर राज्य निकाय अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होते दिखाई दिए हैं जैसे यूरोपीय संघ व उसकी रचना प्रभाव को देखा जा सकता है राज्यों का हस्तक्षेप प्रभाव आप्रसांगिक सा हो चला है।

आर्थिक पहलू
* विश्व के ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था एक दूसरे से जुड़ते जा रही है जिससे एक दूसरे को सहयोग मिल रहा है देशों की अर्थव्यवस्था का विकास हो रहा है ना केवल बड़े बल्कि विकासशील देशों का भी विकास हो रहा है।
* अर्थव्यवस्था को निर्भर बनाने के लिए स्वतंत्र रूप से व्यक्ति वस्तु पूंजी श्रम तकनीकों का स्वतंत्र आदान-प्रदान हो रहा है।
* जो विश्व के विभिन्न बाजार बैठे हुए थे आज वह सभी बाजार एक होकर एक विश्वव्यापी बाजार का निर्माण कर रहे हैं व्यापार का संतुलन करने के लिए एक मुद्रा का उपयोग डॉलर विनियम व्यवस्था एकल मुद्रा डॉलर यूरो गोल्ड आदि को बढ़ावा मिल रहा है।
* वैश्वीकरण से विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है व्यापारिक प्रतिबंध औद्योगिक नीति में कटौती हुई है आयात और निर्यात कर में कटौती होने लगी है और स्वतंत्र व्यापार होने लगा है।

सामाजिक पहलू
*वैश्वीकरण पारंपरिक सामाजिक संबंधों को पूरी तरह से नई और बहुत गतिशील स्थितियों के साथ सामना करने के बाद से सामाजिक भागीदारों के दृष्टिकोण की शक्तिशाली रूप से प्रभावित करता है गरीबी कुपोषण अशिक्षित अव्यवस्था अस्वास्थ्य और सीमा पार आतंकवाद और वैश्विक आतंकवाद से लड़ने में विश्व के अत्याधिक देशों का एकजुट होना।
* वैश्वीकरण से विभिन्न देशों के लोगों के बीच विचार विनियम समानता एवं परंपराओं के विनियम को गति मिल रही है जिससे हमारी सोच एवं व्यवहार व्यापक हुए हैं।
* वैश्वीकरण के माध्यम से समाज के लिए विभिन्न प्रकार की मूलभूत वस्तुओं का निर्माण हो रहा है नए नए शहरों का विकास नए नए बाजारों का विकास संपूर्ण विश्व उनके विचार वस्तु खानपान सभी का प्रवाह देखने को मिल रहा है

सांस्कृतिक पहलू

*वैश्वीकरण के जरिए कई सांस्कृतिक बदलाव हम देख सकते हैं चाहे वह खानपान पहनाओ विचार और व्यवहार आदि सब पर वैश्वीकरण की ही छाप उसकी व्यापकता नजर आती है। उदाहरण के लिए डोमिनोज बर्गर, पिज़्ज़ा हट, मॉल, सबवे, नीली जींस, फास्ट फूड आदि ।
* वैश्वीकरण का प्रभाव सांस्कृतिक पहलू में देखा जा सकता है हॉलीवुड संगीत, फिल्मों, हमारी रोजाना की जीवन शैली में विदेशी संस्कृति की लगातार हो रही बढ़ोतरी, विदेशी त्योहार का प्रसार, रूढ़िवादिता का अंत आदि।

तकनीकी पहलू
* वैश्वीकरण के लिए तकनीकी पहलू का प्रभाव है प्रौद्योगिक का विकास, यंत्रों, टेलीग्राफ, टेलीफोन, नवीनतम आविष्कार ने विश्व के विभिन्न भागों के बीच संचार क्रांति कर दिखाई है।
* छपाई (मुद्रण) नई तकनीक की खोज नई जिज्ञासा चेतना का उदय हुआ वैज्ञानिक विचारों को बढ़ावा मिला पूंजी व्यापार वस्तुओं के आवागमन से इन विचारों चेतना यंत्रों तकनीकों का विकास हुआ, प्रचार प्रसार विस्तार हुआ।
* इंटरनेट जेसीबी केंद्रीय रचना का उदय व वैप 2.0 के विकास से विश्व के विचार संबंधों को नए पन की गति मिली फेसबुक गूगल व्हाट्सएप आदि विभिन्न वेब 2.0 के मंच ने लोगों को एकजुट कर दिखाया है गति में तेजी, स्थानों के बीच स्थित दूरी कम हुई है।
* एक वैश्विक दूरसंचार बुनियादी संचार का विकास और सीमा पर आंकड़ों का अधिक प्रभाव साथ ही ऐसी तकनीकों का उपयोग जैसे इंटरनेट संचार, उपग्रह, समुद्र के भीतर फाइबर ऑप्टिक आदि

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