प्रभावी लेखन क्या है? किसे हम प्रभावी लेखन मानते हैं और किसे नहीं? क्या प्रभावी लेखन की कोई परिभाषा निर्धारित हो सकती है? प्रभावी लेखन से क्या सीखा जा सकता है ? ऐसे अनेक प्रसन्न हैं जो प्रभावी लेखन को समझने के लिए उठाए जाते हैं। सबसे मूलभूत बात यह है कि प्रभावी लेखन से हमारा मतलब है ऐसा लेखन जिसको पढ़ कर पाठक प्रभावित हो उठे। उसके मन में भावनाओं का संचार हो वह भावुक हो उठे सोचने लगे, विचार करने लगे, हंसने लगे, रोने लगे यहां तक कि उस लेख को पढ़कर वह पहले जैसा इंसान ना रह जाए, हृदय परिवर्तन स्थिति उत्पन्न हो जाए, पाठक को उसमें कुछ रोचक, कुछ नया, कुछ अद्भुत लगने लगे इस किस्म के लेखन प्रभावी लेखन की श्रेणी में रखें जाते हैं इन सारी बातों का एक मतलब यह निकल कर सामने आता है की प्रभावी लेखन की मुख्य विशेषता पाठक को सोचने समझने विचार करने और उसकी संवेदनाएं में तेजी लाने का काम करती है प्रभावी लेखन को परखने की एक कसौटी यह भी है कि प्रभावी लेखन बहुत समय बीतने के बाद भी उतना ही प्रभावकारी बना रहता है जितना वह लिखकर पूर्ण होने के दौरान था यदि आप वर्तमान समय से लेकर अब तक देख...
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